वर्दी में रीलबाजी क्या पड़ेगी भारी? हरदा में पुलिस दंपति की रील से मचा हड़कंप, नियम-कानूनों को किया दरकिनार
सोशल मीडिया पर वायरल रील हरदा जिले की है. जहां फिल्मी गानों पर पुलिस विभाग के करताना में पदस्थ एसआई अनिल गुर्जर व आर आई रजनी गुर्जर का नियम कानूनों को पूरी तरह से दरकिनार कर वर्दी का रौब दिखाकर सोशल मीडिया पर फेमस होने का ट्रेंड अब वायरल हो गया.

Harda Police Reels Viral: सोशल मीडिया के इस दौर में कब और किसे रील बाजी का शौक चढ़ जाए, पता ही नहीं चलता. आम आदमी से लेकर नेताओं और फिल्मी कलाकारों तक में सोशल मीडिया पर फेमस होने के लिए रील बनाने का ट्रेंड हमेशा से सुर्खियों में रहा लेकिन अब हमारा पुलिस विभाग भी इस डिजिटल युग में पीछे क्यों रहें भला..?
ताज़ा मामला मध्य प्रदेश के हरदा जिले से सामने आया हैं. दरअसल, यहां पर करताना चौकी प्रभारी (एस.आई) अनिल गुर्जर व उनकी पत्नी आर.आई रजनी गुर्जर द्वारा नियम कानूनों को पूरी तरह से दरकिनार कर वर्दी का रौब दिखाकर सोशल मीडिया पर फेमस होने के लिए फिल्मी गानों पर रील बनाने का मामला सामने आया, जो अब वायरल हो गया है.
देखें वायरल रील:
दोनों ही अधिकारियों की पुलिस वर्दी में सरकारी गाड़ी से लेकर कार्यालय के अंदर फिल्मी गानों पर सिंघम स्टाइल में एंट्री की रील खूब सुर्खियां बटोर रही हैं. हालांकि, उनका यह रीलबाजी का कदम डीजीपी के आदेश और सिविल सेवा आचार संहिता का उल्लंघन माना जा रहा है, जिस पर कार्रवाई की आशंका जताई जा सकती है.
क्या रीलबाजी पर होगा कोई एक्शन?
बता दें कि प्रदेश के डीजीपी कैलाश मकवाना ने हाल ही में ड्यूटी के दौरान वर्दी में रील बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने के लिए सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए थे. उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि यदि कोई पुलिसकर्मी वर्दी में रील बनाएगा तो उसे सिविल सेवा आचरण संहिता का उल्लंघन मानते हुए कारण बताओं नोटिस, निंदा, सेवा पुस्तिका में एंट्री, विभागीय जांच, ट्रांसफर, निलंबन या फिर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
नियम कानूनों को जानने के बाद अब देखना यह होगा कि जिले के पुलिस अधीक्षक महोदय भी इस रील बाजी पर कोई एक्शन लेंगे या नहीं? ऐसा इसलिए क्योंकि जिले में बीते दिनों आनंद जाट की गिरफ्तारी के दौरान उनकी पत्नी और मासूम बच्ची के साथ दुर्व्यवहार के आरोप हों, या फिर हरदा लाठीचार्ज की घटना इन दोनों ही मामलों में एसआई अनिल गुर्जर की भूमिका सवालों के घेरे में रही, पर अब तक उन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. जबकि, सीएम मोहन यादव ने हरदा लाठीचार्ज की घटना को ग़लत मानते हुए कई अधिकारियों का ट्रांसफर तक कर दिया.
सूत्रों की मानें तो गंभीर आरोपों के बावजूद शायद आगे भी एसआई अनिल गुर्जर पर ऊपर वाले की मेहरबानी यू ही बनी रहेगी. चलिए, खबर के अंत में जाते-जाते हम तो यहीं कहेंगे कि हरदा और पुलिस विभाग की प्रतिष्ठा बनी रहें इसलिए जिले के पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर खुद को फेमस करने की होड़ में किसी के भी दाएं बाएं खड़े होने के बजाय सिर्फ अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता दें ताकि, जनता में आपकी साफ़ छवि और निष्पक्ष न्याय व्यवस्था की उम्मीद बनी रहें.