एमपी भूलेख का नया पोर्टल webgis 2.0 लॉन्च! जानिए, नये वर्जन में मिलेगी क्या सुविधाएं
MP Bhulekh Portal: कुछ जिलों में सफल संचालन के बाद 30 जुलाई 2025 से एमपी भू-अभिलेख के नए पोर्टल 2.0 को प्रदेश स्तर पर लागू कर दिया गया है.

MP Bhulekh New Portal Launch: मध्य प्रदेश शासन ने भू-अभिलेख का नया पोर्टल लॉन्च कर दिया गया है. राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल के मुताबिक, प्रदेश में भूलेख पोर्टल (MP Bhulekh) का वर्जन-1 (webgis 1.0) संचालित किया जा रहा था. इसकी गुणवत्ता को बढ़ाते हुए अब नया webgis 2.0 लांच किया गया है. इस नए भू-अभिलेख पोर्टल पर जाने के लिए आपको URL एड्रेस https://webgis2.mpbhulekh.gov.in सर्च करना होगा.
आखिर क्यों मध्य प्रदेश शासन ने इस भूलेख पोर्टल का नया वर्जन webgis 2.0 लांच किया हैं. दरअसल, आज के इस डिजिटल युग में सरकारी कामों को तेजी से निपटाने और आम आदमी को घर बैठे ही कई सुविधाएं प्रदान करने में नया पोर्टल अहम भूमिका निभाएगा. यह नया पोर्टल कई सेवाओं के लिए ऑनलाइन सुविधाएं प्रदान करता है.
जैसे भूमि रिकॉर्ड खोजें, भूमि रिकॉर्ड की प्रमाणित प्रतिलिपि (खसरा, खतौनी, नक्शा), रिकॉर्ड रूम से स्कैन किए गए रिकॉर्ड की प्रमाणित प्रतिलिपि, राजस्व न्यायालय के आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि, भूमि राजस्व का भुगतान, भूमि उपयोग डायवर्सन आवेदन, भूमि पर सिविल न्यायालय में मामले, भूमि पर जमानत का विवरण, बैंक बंधक और हाइपोथेकेशन के लिए भूमि रिकॉर्ड के अद्यतन के लिए आवेदन कर सकते हैं.
साथ ही आम नागरिक भी आसानी से डिजिटल रूप से प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त कर सकते हैं. इस पोर्टल पर भूमि अभिलेखों की जानकारी वास्तविक समय के आधार पर ऑनलाइन अपडेट की जाती है. इस नए पोर्टल के लांच होने से उपरोक्त सेवा का लाभ उठाने के लिए जनता को किसी भी कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं है.
नए पोर्टल में मिलेगी क्या सुविधाएं?
एमपी भू-लेख का नया पोर्टल प्रदेश सरकार द्वारा नागरिकों को उनकी भूमि से संबंधित दस्तावेज की जानकारी ऑनलाइन प्रदान करने के लिये विकसित किया गया है. हाल ही में राजस्व विभाग ने नए पोर्टल 2.0 को पहले नरसिंहपुर और सिवनी जिले में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में संचालित किया था. इसके सफल संचालन के बाद 30 जुलाई 2025 से नए पोर्टल 2.0 को प्रदेश स्तर पर लागू किया गया.
भू-लेख के नये वर्जन 2.0 के आने से नागरिकों को कम समय में अधिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी. इस नए वेब जीआईएस 2.0 में वेब पोर्टल के साथ-साथ मोबाइल ऐप भी उपलब्ध कराया गया है. अब नागरिक खसरे की प्रमाणित प्रतिलिपि व्हाट्सएप के माध्यम से भी प्राप्त कर सकते हैं. नवीन पोर्टल में ओटीपी आधारित ई-केवाईसी सुविधा भी उपलब्ध होगी.
नवीन भू-लेख पोर्टल पर नागरिक एक ही आवेदन द्वारा अनेक भू-अभिलेखों का चयन कर इन अभिलेखों की प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त कर सकेंगे. बता दें कि वेब जीआईएस 1.0 की मौजूदा कार्य-क्षमता में सुधार के लिये नवीन वर्जन में पुराने सर्वर/स्टोरेज को प्रतिस्थापित कर नवीन तकनीकी सर्वर स्थापित किये गए ताकि इससे जनता की समस्याओं का त्वरित निराकरण हो सकेगा.